केंद्र सरकार ने पिछले महीने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देने का एलान किया था। तभी से अटकलें लगाई जा रही हैं कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर क्या होगा और केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा। कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि न्यूनतम मूल वेतन में 108-186 फीसदी तक की वृद्धि होगी। वहीं, पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि यह बढ़ोतरी 20 से अधिकतम 30 फीसदी तक सीमित रहेगी।
इससे देश के 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी उलझन में पड़ गए हैं कि आखिर सैलरी में कुल कितना इजाफा होगा। आइए समझते हैं कि असल में सैलरी कितनी बढ़ सकती है।
क्या है 8वां वेतन आयोग ?
केंद्रीय कर्मचारी फिलहाल 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन पा रहे हैं, जो 2016 से लागू है। हर वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को महंगाई के अनुसार संशोधित किया जाता है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारी सैलरी में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।
8वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक इंटरव्यू में बताया कि सरकार 8वें वेतन आयोग में 1.92 से 2.08 के बीच फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी दे सकती है। हालांकि, NC-JCM (नेशनल काउंसिल - जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा का मानना है कि यह फिटमेंट फैक्टर 2.86 होना चाहिए। फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक होता है, जिससे पता चलता है कि न्यूनतम मूल वेतन में कितने गुना अधिक इजाफा होगा।
कितनी होगी सैलरी बढ़ोतरी?
अगर हम जनवरी 2026 में 8वें वेतन आयोग को लागू मानें, तो उस समय महंगाई भत्ता (DA) लगभग 60 फीसदी होगा।
मौजूदा न्यूनतम वेतन (7वें वेतन आयोग के तहत) = ₹18,000
DA जोड़ने के बाद वेतन = ₹28,800
अब देखते हैं 8वें वेतन आयोग के तहत संभावित सैलरी:
1.92 फिटमेंट फैक्टर पर:
नया न्यूनतम वेतन = ₹34,560 (करीब 20% बढ़ोतरी)
2.08 फिटमेंट फैक्टर पर:
नया न्यूनतम वेतन = ₹37,440 (करीब 30% बढ़ोतरी)
2.86 फिटमेंट फैक्टर पर:
नया न्यूनतम वेतन = ₹51,480 (करीब 80% बढ़ोतरी)
अगर DA को अलग करें, तो सैलरी में बढ़ोतरी इतना इजाफा होगा:
1.92 फिटमेंट फैक्टर पर 92% वृद्धि
2.08 फिटमेंट फैक्टर पर 108% वृद्धि
2.86 फिटमेंट फैक्टर पर 186% वृद्धि
इसका मतलब है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सैलरी में 20 से 30 फीसदी बढ़ोतरी होने की संभावना अधिक है। हालांकि, यह सरकार और देश की आर्थिक सेहत पर भी काफी ज्यादा निर्भर करेगा। उसी हिसाब से न्यूनतम सैलरी में कम या अधिक बढ़ोतरी हो सकती है।
8वें वेतन आयोग के फायदे
कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी होगी।
बढ़ी हुई सैलरी से खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
खरीदारी बढ़ने से अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
8वें वेतन आयोग से चुनौतिया
सरकारी खजाने पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।
सैलरी बढ़ने का महंगाई पर असर पड़ सकता है।
निजी क्षेत्र में सैलरी अंतर बढ़ सकता है।
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